कंक्रीट के घुटन भरे कमरों में। खुली हवा में हमें अब साँस लेना भाता नहीं। कंक्रीट के घुटन भरे कमरों में। खुली हवा में हमें अब साँस लेना भाता नहीं।
हर राउंड में कोई बार बार कोई बैठने के आसार हर राउंड में। हर राउंड में कोई बार बार कोई बैठने के आसार हर राउंड में।
प्यार में आस्था भी जो होती कँवल सुर में सुर हम भी मिलाने लगें। प्यार में आस्था भी जो होती कँवल सुर में सुर हम भी मिलाने लगें।
छुपके से आकर कानों में कहते हैं ! प्यारा सा नन्हा सा अँगुली पकड़ चलते हैं ! छुपके से आकर कानों में कहते हैं ! प्यारा सा नन्हा सा अँगुली पकड़ ...
सोचो अब तो हुक्मरानों दिल्ली दहलाने वाली है। सोचो अब तो हुक्मरानों दिल्ली दहलाने वाली है।
वो कौन मुझे है देखता, वो कौन बैठा साख पे।, वो कौन मुझे है देखता, वो कौन बैठा साख पे।,